क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को दो बार ही “राम राम" क्यों बोलते हैं ? एक बार या तीन बार क्यों नही बोलते ?
दो बार “राम राम" बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है.
हिन्दी की शब्दावली में ‘र' सत्ताइस्व्वां शब्द है, ‘आ’ की मात्रा दूसरा और ‘म' पच्चीसवां शब्द है. अब तीनो अंको का योग करें तो 27 + 2 + 25 = 54, अर्थात एक “राम” का योग 54 हुआ.
इसी प्रकार दो “राम राम” का कुल योग 108 होगा।
हम जब कोई जाप करते हैं तो 108 मनके की माला गिनकर करते हैं।
सिर्फ 'राम राम' कह देने से ही पूरी माला का जाप हो जाता है।
आपका हर पल मंगलमय हो।
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