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Negative thinking and positive thinking (नकारात्मक सोच और सकारात्मक सोच )

"सोच को बदलो , सितारे बदल जायेंगे 
नज़र को बदलो नज़ारे बदल जायेंगे 
कश्तियाँ बदलने से क्या होगा दिशा को बदलो किनारे बदल जायेंगे "

सोच दो प्रकार की होती है - 
नकारात्मक सोच और सकारात्मक सोच 

१) सकारात्मक सोच  

सकारात्मक विचारधारा मस्तिष्क की वह आशावादी स्तिथि है जो हमे  bright side दिखाती है । जीवन की प्रतिकूल परिस्थिति में भी अनुकूल देखना सकारात्मक सोच है । 

अपने ह्रदय में उमंग , उत्साह और आनंद के विचारो से भरा रखना ही सकारात्मक सोच है । मैं कर सकता हूँ , मैं करूँगा, मुझसे होगा - यह सारे वाकय हमारी सकारात्मक सोच को दिखाते है। 

२) नकारात्मक सोच 

मैं कमजोर हूँ , मुझे बहुत डर लगता है , मेरे अंदर आत्मविश्वास नहीं है ,मुझसे कोई प्यार नहीं करता, मेरे साथ बुरा होता है, मैं हमेशा बीमार रहता हूँ  - यह नकारात्मक सोच है। 

यह हमारे मैं को अशांत और दुखी कर देती है और तन को भी अस्वस्थ बना देती है । इससे जीवन में शिकायतें , कमजोरी, बीमारी,दुःख,शक,डर बढ़ जाता है और जीवन बोझ बन जाता है । 

हमारे सामने ज़िन्दगी जीने क दो तरीके होते हैं - सकारात्मक सोच रखकर हम अपने जीवन को खुशहाल बना ले और खुश रहें  या नकारात्मक सोच रखकर जीवन को नरक बना लें , शिकायतें करें और दुखी रहें । 

सकारात्मक व्यक्ति के  लक्षण:

>  सकारात्मक व्यक्तियों को भगवान  में अटूट विश्वास होता है। 
>  वे लोग जीवन को ईश्वर को तोहफा मानते हैं और इस कारन खुश होकर जीते है। 
>  वे विनम्र , धैर्यवान , आत्मविश्वासी  और दुसरो का ध्यान रखने वाले होते हैं। 
>  यदि कोई उनसे उल्टा चलता है या अपशब्द बोलता है तो वह द्वेष नहीं रखते । 
>  वो लोग भविष्य की चिंता नहीं करते, वह सिर्फ एक सुन्दर और महान जीवन की कल्पना करते हैं और present moment में रहते है। 
>  आलोचना करना इनका स्वाभाव नहीं होता । इनकी दृष्टि हमेशा गुणों पर होती है और दुसरो लोगों की प्रशंसा करते हैं । 
>  यह लोग अहंकार नहीं करते । 
>  इन लोगो में क्षमा करने का भाव होता है । ऐसे व्यक्ति सिर्फ उल्लास, प्रसन्नता और जीवन की सुनहरे पलो को ही याद रखते हैं । 
>  ऐसे लोगो को अपने आप पर पूरा नियंत्रण होता है। अपनी ख़ुशी का बटन अपने हाथों में रखते हैं, दुसरो के हाथों में नहि। 
>  जीवन के प्रतिकूल हालातों को सफलता की सीढ़ी बना लेते हैं। 

नकारात्मक व्यक्ति क लक्षण:

>  ऐसे लोग परमत्मा में बिलकुल भी विश्वास नहीं रखते और जीवन का सारा भोझ अपने कन्धों पर ले कर चलते हैं |  
>   इनकी सोच होती है - जीवन को काटना है , काट रही है, चल रही है ज़िन्दगी आदि । इनके लिए जीवन एक भोझ होता है। 
>  जीवन में नम्रता , धैर्य और आत्मविश्वास की कमी होने क कारन, यह हर वक़्त अपनी असफलता क विषय में सोचते रहते है। 
>  ऐसे लोग हमेशा उदास, मायूस, दुखी, परेशान , नाराज़, ख़राब सेहत , बिना मकसद की जिांदगी जीते हैं ।
>  ऐसे लोग फालतू की विचारो को अपने दिमाग में रखते हैं । 
>  हमेशा पास्ट और फ्यूचर क बारे में ही सोचहते रहते हैं। 
> किसी की गलती को भुला नहीं पाते । 
>  ऐसी सोच वाला आदमी जिससे भी मिलेगा उससे हमेशा बीमारी की, दुःख की ही बात करेगा । चहरे पर हमेशा चिंता और फ़िक्र की लकीरें पड़ी रहेंगी । 
> ऐसी लोगो को नियमित दिनचर्या नहीं होती । यह मन क पुरे गुलाम होते हैं । 
>  इनको जीवन में बोहतो डर लगता है । जीवन में कुछ भी बदलाव से डरते हैं । 
>  थोड़ी से परेशानी आने पर इनका stress level बढ़ जाता है । 
> ऐसे लोग हमेशा दुसरो से मान , प्यार की भीख मांगते रहते हैं और न मिलने पर इनका mood off हो जाता है। 

आप में कौन से लक्षण ज्यादा हैं? अपनी ज़िन्दगी को सकारात्मक बनायें और खुश रहें । नीचे कमेंट में बातें की यह पोस्ट आपको कैसा लगा?

खुश रहें, स्वस्थ रहें । 

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